



आमतौर पर हर किसी का बचपन में यही शौक होता है कि वह बड़ा होकर डॉक्टर या पुलिसवाला बने लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर गुजरात के किमोज गांव,




की एक बिटिया के सपनों की उड़ान लोगों के दिलों को छू रही है जिसमें इस बिटिया ने छठी क्लास में ही यह सपना देखा था कि वह अपने गांव की पहली महिला बनेगी.




जो एरोप्लेन को उड़ाएगी और आखिरकार लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने अपने उस सपने को पूरा कर लिया जिसके बारे में लोग सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं।




यह कहानी है गुजरात के छोटे से गांव में रहने वाली उर्वशी दुबे की जिसने आइए आपको बताते हैं कैसे अपने बचपन के सपने को पूरा कर लिया जिसकी कहानी लोगों,
In the sixth grade, the daughter had dreamed of flying an airplane, the daughter’s dream was fulfilled by the struggles of her father and uncle. pic.twitter.com/UTZxB3tC8p
— Viral Story (@ViralStory1) March 16, 2023
के दिलों को जीत रही है। सोशल मीडिया पर इन दिनों गुजरात की बिटिया उर्वशी दुबे की कहानी लोगों के दिलों को जीत रही है। दरअसल उर्वशी दुबे जब छठी क्लास में थी तभी.
उन्होंने आसमान में उड़ते हवाई जहाज को देखकर अपने पिता और चाचा को यह बताया था कि वह हवाई जहाज उड़ाना चाहती है और पायलट बनना चाहती है जिसके बाद उनके चाचा ने उनके आगे की पढ़ाई के खर्च को उठाने का दावा किया। इन सब के बीच में उनके चाचा के निधन के बाद उर्वशी की पढ़ाई को बहुत बड़ा झटका लगा क्योंकि बीच में कई निजी बैंकों ने भी उन्हें पढ़ाई के लिए लोन देने से साफ रूप से मना कर दिया जिससे उनका सपना बीच रास्ते में ही अटका हुआ नजर आ रहा था। आइए आपको बताते हैं तमाम संघर्षों के बाद कैसे इस बिटिया ने हाल ही में अब परीक्षा में बाजी मार ली है और अपना वह मुकाम हासिल किया है जिसके लिए वह बचपन से ही तैयारियों में जुटी हुई थी।
गुजरात की बिटिया उर्वशी दुबे के बारे में जिस किसी ने भी यह सुना है कि किसान की बेटी होने के बाद भी इस बच्ची ने अपने पायलट बनने के सपने को पूरा कर लिया है तब सभी लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि वाकई में अगर सपने को पूरे मेहनत से साकार किया जाए तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता है। देखते ही देखते उर्वशी दुबे की लोग अब मिसाल पेश करते नजर आ रहे हैं और यह कह रहे हैं कि उर्वशी के लिए इस मुकाम पर पहुंचना आसान नहीं होता अगर उनके पिता और परिवार वाले उनका साथ नहीं देते क्योंकि उर्वशी का पूरा परिवार ही मध्यमवर्गीय था लेकिन अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए चाचा और पिता ने यथासंभव कोशिश की जिसके कारण बिटिया आज अपने सपने के उड़ान को पूरा कर रही है।